शुरवात छोटे से ही होता हैं।
शुरुवात छोटे रूप में ही होती है परन्तु धीरे-धीरे वह विशाल रूप ले लेती है।लोक सेवा के कार्य हो अथवा आर्थिक प्रगति की सब जगह यों ही ग्राफ बढ़ता है।19दिसम्बर 2017 में जब Distil Education & Technology PVT. LTD. की फाउंडेशन बनाई गई तब दो चार ब्यक्ति ही थे।जैसे गन्दे नाले गंगा में मिलकर गंगाजल बन जाते हैं ठीक वैसे ही सड़क पर आवारा गर्दी करने वाले,समाज से उपेक्षित युवाओं को धड़ पकड़कर उन्हें इस कम्पनी से जोड़कर शानदार जिन्दगी जीने की राह सिखाई गई। जिनकी संख्या प्रारम्भ में one डिजिट में थी ,आज उनकी संख्या 5डिजिट में हो चुकी है।
चोरी,उठाईगिरी करने वाले,लफंगई और दहशतगर्द की शोर शराबा करने वाले युवा प्रत्येक राज्य में हैं।सरकारी तंत्र ऐसे लोगों को सुधारने की अपेक्षा पुलिस और जेल के हवाले कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्ति पाती हैं।परंतु ऐसा करने से सामाजिक ब्यवस्था और बिगड़ जाती है।ऐसे कुकृत्य करने वालों के साथ वोट बटोरने के लिए राजनेता भी खड़े हो जाते है और अनशन ,स्ट्राइक करके उनके साथी बन जाते हैं।समस्या की जड़ तक पहुँचना तो दूर,बल्कि कई अन्य समस्याओं में उलझकर रह जाते है।उपर्युक्त कम्पनी ऐसे युवाओं को ही फोकस करती है,ताकि उनकीं निजी जीवन शैली को सुधारा जाय।किसी भी ब्यक्ति को मूलभूत आवश्यकता "रोटी,कपड़ा और मकान"है। स्वामी विवेकानन्द जी कहते है"भूखे को रोटी चाहिए न कि उपदेश"।नियम कानून की धज्जियां उड़ाने वाले युवाओं की कुछ ब्यक्तिगत या परिवारिक समस्याएं होती है जिस कारण वे उग्रवादी,नक्सलवादी या आतंकवादी बन जाते हैं।हलाकि इसमें से कुछ अपवाद भी हो सकते हैं,पर अधिकांशतः को सही रास्ते पर लाया जा सकता है।कहा जाता है कि शराबी को भी यदि दूध पीने की आदत लगा दी जाय तो वह एक दिन शराब पीना छोड़ देगा।ईश्वर चंद्र विद्यासागर एक भिखारी को 20 रुपया देकर भिक्षाटन की लत छुड़ाकर एक सेठ बना दिये थे।
आज भी युवाओं को अच्छी शिक्षा और उनके प्रतिभा के अनुकूल कार्य से जोड़कर सबल बनाया जा सकता है।इस दिशा में कुछ हद तक Distil कम्पनी युवा वर्ग को जोड़ने का काम किया है ।शिशुवस्था में बच्चे अच्छे लगते है,पर उन्हें बलिष्ठ और मजबूती प्रदान करने के दिनचर्या इसी समय बनानी पड़ती है।कम्पनी अब तक हजारों युवाओं को जोड़कर उनकी उच्च शिक्षा और आर्थिक स्थिति को मजबूती दी है।जन मन को एक नई दिशा मिल रही है,जिससे काफी युवा इस कदम ताल में शामिल हो रहे है।पूर्ब में उपर्युक्त कम्पनी सिर्फ हिमाचल प्रदेश के सीमित दायरे तक था लेकिन आज पंजाब,दिल्ली,उत्तरप्रदेश,बिहार,महाराष्ट्र ,आंध्र प्रदेश,उत्तराखंड,झारखंड आदि राज्यो तक अपनी शाखाएं खोल कर युवा वर्ग को जोड़ने का काम कर रही है।
पिछले दिनों जब फाउंडेशन डे कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा मनाई गई तब हमे भी शामिल होने का मौका मिला।लोक सेवा कैसे हो सकता है ?यह हमने डिस्टिल के मुख्य कार्यालय में देखा और समझा।जहां ऑर्डर नही सहयोग की बात होती है।चंडीगढ़ से सटे मुबारकपुर गांव में भिक्षाटन करने वाले बच्चों की प्रतिदिन कक्षा लगाई जाती है,जहां उन्हें अक्षर ज्ञान के साथ संस्कार और संस्कृति की पाठ पढ़ाई जाती है।आपको यह भी जानना चाहिए कि किराए का कमरा और तनख्वाह के शिक्षक इस कार्य को अंजाम देते है।हमारा उद्देश्य भिक्षाटन कर रहे बच्चों को इस घृणित कार्य से हटाकर उच्चतम शिक्षा देकर सम्मानित ब्यक्ति के रूप में उन्हें खड़ा करना है।कार्य सहज नही है पर गुरुकृपा से निश्चित ही सफलता मिलेगी,ऐसा हमारा विश्वास है।आशा है, आप सभी अपनी आशीर्वाद देकर ऐसे नेक कार्य करने वाले कम्पनी को आगे बढ़ाते रहेंगे।गुरु कृपा से अबतक लगभग एक लाख ब्यक्ति का जीविकोपार्जन इस कम्पनी द्वारा चलायमान है।जो लोग अच्छे कार्य करते है उन्हें पुरष्कार के रूप में प्रमोशन की भी ब्यवस्था यहाँ है।पिछले दिनों kruna ग्रसित मानवीय पीड़ा के निवारण हेतु,लाखो की सहायता भारत सरकार को दी गई,साथ ही भूस्खलन से पीड़ित जनों को कपड़े आदि जरूरी सामग्री वितरण की गई।ठंड से ठिठुरते पिछड़े वर्ग को कम्बल आदि गर्म वस्त्र का वितरण प्रायः होते ही रहता है।पूर्बजों के आशीर्वाद से कम्पनी तीब्रतर गति से सामाजिक उत्थान की दिशा में आगे बढ़ रहा है।सरल सहृदयतापूर्वक आग्रह है की आप जैसे पंच परमेश्वर के आशीर्वाद से ही सन्तान सुपुत्र बनकर कुलदीपक बनता है।💐 "सदा भवानी दाहिने ,सन्मुख रहें गणेश ।
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